ओडिशा के टिटलागढ़ में एक ऐसा शिव मंदिर है जो तपती गर्मी में भी ठंडा रहता है. यह मंदिर टिटलागढ़ के कुम्हड़ा पहाड़ पर स्थित है. टिटलागढ़ ओडिशा का सबसे गर्म क्षेत्र है. यहां की पथरीली चट्टानों के कारण यहां प्रचंड गर्मी होती है. लेकिन इस मंदिर में गर्मी के मौसम का कोई असर देखने को नहीं मिलता है. यहा गर्मी में भी ठंडक बनी रहती है जैसे कि किसी एसी कमरे में बैठे हों. इस मंदिर में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा होती है.

टिटलागढ़ उड़ीसा का सबसे गर्म क्षेत्र माना जाता है. इसी जगह पर एक कुम्‍हड़ा पहाड़ है जिसपर स्‍थापित है यह अनोखा शिव मंदिर. इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह तपते पहाड़ पर स्थित होने के बाद भी यहां हमेशा ठंडक बनी रहती है. यहां आने वाले भक्‍तों को एसी जैसी ठंडक का अहसास होता है.

क्‍या है इस मंदिर का इतिहास?

स्थानीय लोगों के अनुसार यह मंदिर सदियों पुराना है. इस मंदिर का निर्माण किसने कराया और कब कराया इसका कोई ठोस प्रमाण उपलब्‍ध नहीं है. इस मंदिर में भगवान शिव और पार्वती की मूर्तियां स्‍थापित हैं. यहां के पुजारी बताते हैं कि यहां स्‍थापित भगवान शिव और पार्वती की प्रतिमाओं से ठंडक आती है. यही नहीं गर्मी के दिनों में यहां कंबल ओढ़कर सोना पड़ता है.

मंदिर की वास्तुकला

यह मंदिर भी अन्य मंदिरों की तरह ही है. लेकिन इसकी वास्तुकला में कुछ ऐसी खासियत है जो इसे और मंदिरों से अलग बनाती है. मंदिर के अंदर एक कुंड है जिसमें हमेशा पानी भरा रहता है. इस कुंड के पानी में भी ठंडक होती है.

श्रद्धालुओं की आस्था

इस मंदिर में श्रद्धालुओं की गहरी आस्था है. लोग दूर-दूर से इस मंदिर में दर्शन करने आते हैं. उनका मानना है कि इस मंदिर में आने से उन्हें शांति और सुकून मिलता है.

कैसे पहुंचें इस मंदिर में?

टिटलागढ़ का यह शिव मंदिर उड़ीसा के बोलांगीर जिले में स्थित है. यहां पहुंचने के लिए आप सड़क, रेल या हवाई मार्ग का इस्‍तेमाल कर सकते हैं.

    यह मंदिर साल भर खुला रहता है.
    यहां दर्शन करने के लिए कोई शुल्क नहीं है.
    आप यहां धर्मशाला में ठहर सकते हैं.
    यहां का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन टिटलागढ़ है.

अगर आप उड़ीसा घूमने जा रहे हैं तो टिटलागढ़ के इस अनोखे शिव मंदिर के दर्शन जरूर करें. यह मंदिर आपको आश्‍चर्यचकित कर देगा और आपको एक नया अनुभव देगा.