संयुक्त राष्ट्र (UN)के विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने मंगलवार को अपनी एनुअल क्लाइमेट स्टेटस रिपोर्ट जारी की। इसमें शुरुआती आंकड़ों की पुष्टि करते हुए संकेत दिया गया कि 2024 अब तक का सबसे गर्म साल रहा।

2024 ने 2023 में बनाए गए पिछले रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ दिया। WMO के अनुसार, 2024 में पहली बार वैश्विक तापमान 1850-1900 में निर्धारित आधार रेखा से 1.5 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, इसने पिछले 175 साल के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है।

10 सालों में हीटवेव से हालात खराब 
जबकि इससे पहले की रिपोर्ट में 2014 से 2023 का समय सबसे गर्म दशक के रूप में रिकॉर्ड किया गया था। इन 10 सालों में हीटवेव ने महासागरों को प्रभावित किया। साथ ही ग्लेशियरों को रिकॉर्ड बर्फ का नुकसान हुआ।

लाखों लोगों को छोड़ना पड़ा घर

  • 2024 में चक्रवात, बाढ़, सूखा और अन्य आपदाओं ने 2008 के बाद से सबसे अधिक लोगों को विस्थापित किया,
  • ऐसे में 36 मिलियन लोगों को अपने घरों से बाहर निकलने के लिए मजबूर होना पड़ा था।
  • सिचुआन भूकंप के बाद चीन में लगभग आधे 15 मिलियन विस्थापित हुए थे।
  • बाढ़ ने भारत में भी लाखों लोगों को प्रभावित किया।
  • सऊदी अरब सहित दर्जनों अभूतपूर्व हीटवेव दर्ज किए गए जहां हज यात्रा के दौरान तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया ।

मौसम वैज्ञानिक ने दी चेतावनी
ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी के फेनर स्कूल ऑफ एनवायरनमेंट एंड सोसाइटी की प्रोफेसर सारा पर्किन्स-किर्कपैट्रिक ने कहा कि दुनिया एक ऐसे प्वांइट पर पहुंच गई है जहां शुद्ध शून्य उत्सर्जन अब पर्याप्त नहीं है।

उन्होंने कहा, 'हमें अपने अलार्म पर स्नूज बटन दबाना बंद करना होगा, जो कि अब नियमित रूप से होने वाले रिकॉर्ड तोड़ने वाले वैश्विक तापमान हैं। उन्होंने कहा, जलवायु परिवर्तन हो रहा है, यह हमारी वजह से है, और बिना किसी गंभीर कार्रवाई के, यह और भी बदतर होता जाएगा? यह जितना लंबा चलेगा, चीजों को बेहतर बनाना उतना ही मुश्किल होगा।'