मुंबई। भारत में ‘मेड इन इंडिया’ स्मार्टफोन शिपमेंट में 2024 में छह प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। यह तेजी वैश्विक टेक दिग्गज एप्पल और सैमसंग के भारत से बढ़ते निर्यात के कारण आई है। हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में देश के कुल स्मार्टफोन निर्यात में एप्पल और सैमसंग की संयुक्त हिस्सेदारी 94 प्रतिशत रही। दोनों कंपनियों ने अपनी सप्लाई चेन को मजबूत करने और आयात पर निर्भरता कम करने के लिए भारत में विनिर्माण का विस्तार किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में चल रही ‘मेक इन इंडिया’ और पीएलआई (उत्पादन आधारित प्रोत्साहन) योजना ने वैश्विक निर्माताओं को भारत में अपने उत्पादन संयंत्र स्थापित करने या उन्हें विस्तारित करने के लिए प्रेरित किया है। इससे देश में स्मार्टफोन निर्माण को मजबूती मिली है और निर्यात में वृद्धि हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत अपने विशाल उपभोक्ता बाजार, सस्ती श्रम लागत और सरकार की अनुकूल नीतियों के कारण दुनिया का एक प्रमुख विनिर्माण केंद्र बन रहा है। उम्मीद की जा रही है कि 2025 तक स्मार्टफोन निर्माण दोहरे अंकों की वृद्धि दर दर्ज करेगा और स्थानीय वैल्यू एडिशन में भी सुधार आएगा।
रिपोर्ट के अनुसार, एप्पल की प्रमुख सप्लायर कंपनी फॉक्सकॉन होन हाई के विनिर्माण वॉल्यूम में 2024 में 19 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कंपनी अब भारत में स्मार्टफोन डिस्प्ले मॉड्यूल असेंबली स्थापित करने की योजना बना रही है। इसके अलावा, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स 2024 में सबसे तेजी से बढ़ने वाला निर्माता बनकर उभरा, जिसने वार्षिक आधार पर 107 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। टाटा ने आईफोन 15 और आईफोन 16 असेंबली का विस्तार किया और गुजरात के धोलेरा में एक नया प्लांट स्थापित कर सेमीकंडक्टर निर्माण में भी प्रवेश किया है।
ओवरऑल मोबाइल हैंडसेट सेगमेंट में ‘डिक्सन’ सबसे बड़ा निर्माता रहा, जबकि ट्रांससियन ब्रांड और मोटोरोला के शिपमेंट आंकड़ों में भी तेजी देखी गई। सैमसंग ने भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र में अपनी स्थिति को और मजबूत किया है और निर्यात बढ़ने के कारण 2024 में सात प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर्ज की। वीवो ने भी अपनी ऑफलाइन रिटेल रणनीति और मार्केटिंग नेटवर्क के विस्तार के जरिए अपनी शिपमेंट हिस्सेदारी 14 प्रतिशत तक बढ़ा ली है। विश्लेषकों के अनुसार, भारत में स्मार्टफोन विनिर्माण का भविष्य उज्ज्वल है, क्योंकि प्रमुख वैश्विक कंपनियां यहां उत्पादन सुविधाओं में निवेश कर रही हैं। आने वाले वर्षों में, देश ‘मेड इन इंडिया’ स्मार्टफोन निर्यात का एक बड़ा हब बन सकता है।